जनतानामा न्यूज़ भुवन जोशी अल्मोड़ा उत्तराखण्ड
देहरादून:सहकारिता मुख्यालय में आज सोमवार शाम को मंत्री डॉ धन सिंह रावत, सचिव डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम, निबंधक सहकारी समितियां उत्तराखंड आलोक कुमार पांडेय सहित अधिकारियों द्वारा राज्य के 10 डीसीबी के चेयरमैन के पांच साल पूरे होने पर विदाई दी गई।
निबंधक मुख्यालय में डीसीबी टिहरी चेयरमैन सुभाष रमोला, डीसीबी देहरादून के चेयरमैन अमित शाह (चौहान) , डीसीबी कोटद्वार (पौड़ी गढ़वाल) के चेयरमैन नरेंद्र सिंह रावत, डीसीबी उत्तरकाशी के चेयरमैन विक्रम सिंह रावत, डीसीबी चमोली के चैयरमेन गजेन्द्र सिंह रावत, डीसीबी हरिद्वार के चेयरमैन प्रदीप चौधरी, डीसीबी नैनीताल के चेयरमैन राजेंद्र सिंह नेगी, डीसीबी अल्मोड़ा के चेयरमैन ललित लटवाल,डीसीबी पिथौरागढ़ के चेयरमैन मनोज सामंत का विदाई समारोह किया गया वहीं इस अवसर पर सभी चेयरमैन को मंत्री और सचिव ने शॉल ओढाकर सम्मानित किया।
वहीं इस कार्यक्रम में मंत्री डॉ रावत ने समीक्षा बैठक भी की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि,100 प्रतिशत एमपैक्स का ऑडिट कराया जाए। दीनदयाल सहकारी किसान कल्याण योजना में किसानों को ऋण बांटने में तेजी लाई जाए।
को-ओपरेटिव बैंकों के अध्यक्षों ने कहा कि सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनके मार्गदर्शन में, सहकारिता विभाग ने सहकारी बैंकों की कार्यप्रणाली को बढ़ाने और उन्हें लोगों की जरूरतों के प्रति अधिक उत्तरदायी बनाने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। नई नीतियों के कार्यान्वयन और नवीन वित्तीय उत्पादों की शुरूआत का उद्देश्य सहकारी बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत करना और लंबे समय तक इसकी स्थिरता सुनिश्चित करना है। किसानों को बगैर ब्याज के ऋण देने
और कोविड काल में लोगों के रोजगार के दरवाजे खोलने में मंत्री डॉ रावत की बड़ी भूमिका रही।
अध्यक्षों ने कहा कि डॉ. धन सिंह रावत के नेतृत्व में सहकारी बैंकिंग क्षेत्र की प्रगति सराहनीय रही है। उनके कार्यकाल के दौरान लागू की गई विभिन्न योजनाओं और पहलों के सकारात्मक परिणाम आए हैं, जिससे लोगों को लाभ हुआ है और राज्य के समग्र विकास में योगदान मिला है। सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में वास्तव में महत्वपूर्ण वृद्धि और सुधार देखा गया है, और यह आने वाले वर्षों में राज्य के आर्थिक विकास में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत द्वारा दी गई विदाई इस बात का प्रमाण है कि उनके नेतृत्व में सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। राज्य सहकारिता में वास्तव में आगे बढ़ा है, और लागू की गई विभिन्न पहलों और योजनाओं से किसानों को ठोस लाभ हुआ है। सहकारी बैंकिंग क्षेत्र अब राज्य के समग्र आर्थिक विकास में योगदान देने के लिए बेहतर स्थिति में है।