जनतानामा न्यूज़ अल्मोड़ा उत्तराखण्ड
चमोली। उत्तराखण्ड में मौसम के तल्ख तेवर फिर से डराने लगे हैं। पहाड़ों पर बारिश का दौर लगातार जारी है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस बीच चमोली जनपद में नंदप्रयाग घाट से आगे मुख गांव में बादल फटने की खबर सामने आई है। घटना की जानकारी मिलते ही एसडीआरएफ की टीम मौके के लिए रवाना हुई। बारिश के कारण क्षेत्र में भूस्खलन और नुकसान की आशंका जताई जा रही है। राहत व बचाव कार्य के लिए टीम तैयार है। मौसम विज्ञान विभाग के हाइड्रोमेट डिवीजन (नई दिल्ली) ने बाढ़ के खतरे का पूर्वानुमान जारी किया है। इसके बाद राज्य आपातकालीन केंद्र ने जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि सोमवार को राज्य में 24 घंटे में अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, देहरादून, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी में भारी बरसात के कारण जलभराव की स्थिति उत्पन्न होने और बाढ़ के खतरे की संभावना व्यक्त की गई है। ऐसे में प्रत्येक स्तर पर तत्परता एवं सुरक्षा बनाए रखते हुए आवागमन में नियंत्रण बरतने समेत अन्य सावधानियां बरती जाएं। बता दें कि प्रदेश में बारिश के बाद मलबा आने से 74 सड़के बंद हो गई हैं।

राज्य आपातकालीन केंद्र के अनुसार, रुद्रप्रयाग में पांच, उत्तरकाशी में एक नेशनल हाईवे और आठ ग्रामीण सड़कें, नैनीताल में एक, चमोली में एक राज्य मार्ग और 20 सड़कें, पिथौरागढ़ में 9, अल्मोड़ा में 3, बागेश्वर में 8, चंपावत में 1, पौड़ी में 6, देहरादून में 4, और टिहरी जिले में 8 ग्रामीण सड़के भूस्खलन के कारण बंद हो गई हैं।
वहीं पहले से बंद पड़ा ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी औजरी के पास अब तक नहीं खुल पाया है जिससे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह अलर्ट पर हैं…लेकिन लगातार हो रही बारिश ने राहत कार्य में भी चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। सरकार ने लोगों से अपील की है कि अनावश्यक यात्रा से बचें और मौसम विभाग के ताज़ा अलर्ट्स का पालन करें।