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जनतानामा न्यूज़ भुवन जोशी अल्मोड़ा

उत्तराखण्ड की पहली निर्वाचित सरकार के एकमात्र मुख्यमंत्री जिन्होंने पाँच साल सरकार चलाई


अल्मोड़ा उत्तराखंड की धरती में पैदा हुए कुछ लोगों में देश के विकास के प्रति अगाध आस्था रही है। इन्हीं में से एक थे, विकास पुरूष और पर्वत पुत्र के नाम से नवाजे गए पण्डित नारायण दत्त तिवारी नैनीताल के पदमपुरी (बल्यूटी) में पैदा हुए एक बालक ने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली व देश के तमाम राज्यो में विकास का बीज बोया । जी हां हम बात कर रहे हैं। विकास पुरूष नारायण दत्त तिवारी उर्फ नरेण की, जिन्होंने विकास के नाम पर यहां पर जो पौधा रोपा, उसका फल आज हजारों-लाखों को मिल रहा है। उन्हें सिडकुल से नोएडा बसाने का श्रेय जाता है। उत्तर प्रदेश के सीएम बनने के बाद उन्होंने न्यू ओखला इंडसट्रियल डेवलपमेंट अथौरिटी (नोएडा) बनाने का श्रेय जाता है। 18 अक्टूबर 1925 को नैनीताल के बल्यूटी में पैदा हुए नरैण (नारायण दत्त तिवारी) के पिता का नाम पूर्णानंद तिवारी था। आरंभिक शिक्षा के बाद उनकी उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हुई। सियासत का जो बीज उनमें इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पनपा, वह आगे अंकुरित होकर वट वृक्ष में तब्दील हो गया।

नारायण दत्त तिवारी के बाद उत्तराखण्ड का कोई भी मुख्यमंत्री अब तक अपनी छाप नही छोड़ सका

उत्तराखण्ड की पहली निर्वाचित सरकार के एकमात्र मुख्यमंत्री जिन्होंने पाँच साल सरकार चलाई नारायण दत्त तिवारी के बाद या पहले कोई भी मुख्यमंत्री 5 साल सरकार नही चला पाया है, देश आजाद होने के बाद 1952 में हुए उत्तर प्रदेश के पहले चुनाव में नैनीताल विधानसभा में जो एण्ट्री मारी, फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। विधायक बनने के बाद उन्होंने अपनी राजनीतिक पहुंच का फायदा यहां पर विकास की नींव का पत्थर रखकर किया। उन्होंने डेनमार्क में दुग्ध उद्योग की बारीकियों से रूबरू होकर तराई क्षेत्र में कापरेटिव दुग्ध डेयरी का कान्सेप्ट पेश किया, जो आज भी फल-फूल रहा है। इसके बाद उन्होंने विभिन्न विधानसभा सीटों व संसदीय सीटों का प्रतिनिधित्व किया। काशीपुर के विधायक रहने के दौरान उन्होंने काशीपुर के आसपास विकास की जो लकीर खींची, वह यहां के विकास के लिए मील का पत्थर साबित हुई।

एनडी तिवारी तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. वह 1976-77, 1984-85, 1988-89 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे. वहीं 2002 से 2007 तक तिवारी उत्तराखंड के सीएम रहे. वह राजीव गांधी कैबिनेट में विदेश मंत्री और वित्त मंत्री भी रह चुके थे. वो केंद्रीय उद्योग मंत्री भी रहे साल 2007 से 2009 तक एनडी तिवारी आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रहे. हालांकि सेक्स स्कैंडल कांड के बाद उन्हें राज्यपाल पद से इस्तीफा देना पड़ा था

1980 में नैनीताल का सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने पहाड़ के विकास के लिए अनेक कार्यों को अंजाम दिया। तिवारी ने लालकुंआ क्षेत्र में संचुरी मिल, काठगोदाम में एचएमटी, हल्दूचौड में सोयाबीन फैक्ट्री, बेला पड़ाव में जलपैक सहित तमाम फैक्ट्रियों की नींव रखी। इसके अलावा उन्होंने भीमताल, अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ में मैग्नेसाइड फैक्ट्री की स्थापना की। इधर उत्तराखंड बनने के बाद उन्होंने सिडकुल की स्थापना का श्रेय भी पण्डित नारायण दत्त तिवारी को जाता है। आज सिडकुल क्षेत्र में स्थित फैक्ट्रियों में हजारों नौजवानों का कार्य मिला है। विकास में उनके योगदान के लिए उन्हें विकास पुरुष की उपाधि दी गई है।