Mon. Oct 13th, 2025
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जनतानामा न्यूज़ अल्मोड़ा उत्तराखण्ड

अल्मोड़ा। सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा और समूचे कुमाऊँ की सबसे प्राचीन एवं ऐतिहासिक श्री नंदादेवी रामलीला के षष्ठम दिवस का मंचन खचाखच दर्शकों की मौजूदगी में हुआ। मंच पर सूर्पनखा प्रसंग, सूर्पनखा नासिका छेदन, त्रिसरा प्रसंग, त्रिसरा वध, खर-दूषण प्रसंग और खर-दूषण वध की प्रभावशाली प्रस्तुतियाँ दी गईं।


त्रिसरा का जीवंत अभिनय परितोष जोशी ने किया, जबकि सुर्पनख़ा की भूमिका और नृत्य सुनील तिवारी सैम और दिव्यांशु जोशी ने निभाए। उनके अभिनय ने दर्शकों की खूब तालियाँ बटोरीं।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक मनोज तिवारी एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। इस अवसर पर विभिन्न जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ रंगकर्मी, चिकित्सक, अधिवक्ता एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि ने संबोधन में कहा कि भगवान राम को “मर्यादा पुरुषोत्तम” कहा जाता है। रामलीला हमें आज्ञा पालन, वचन पालन, करुणा, न्याय और त्याग का आदर्श सिखाती है।

लीला से पूर्व बच्चों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। संगीत में हारमोनियम पर मोहन जोशी, तबले पर शेखर सिजवाली, मंजीरे पर अर्जुन बिष्ट और बांसुरी पर अनिल कुमार ने सहयोग दिया।

राम की भूमिका द्रोण नेगी, लक्ष्मण की अविरल जोशी, सीता की किरन परगाई, त्रिसरा की परितोष जोशी, खर की सुमित साह और दूषण की वरुण साह सहित अन्य कलाकारों ने निभाई। मंचन में हास्य-व्यंग का तड़का अंजन बोरा ने लगाकर दर्शकों को खूब हँसाया।

मंच सज्जा और सेट निर्माण ने पंचवटी, त्रिसरा प्रसंग और खर-दूषण दरबार को जीवंत बना दिया। मंचन का सीधा प्रसारण नमन बिष्ट ने सोशल मीडिया पर किया।

कार्यक्रम में रामलीला कमेटी, नंदादेवी मंदिर कमेटी और नगर के अनेक सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।