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जनतानामा न्यूज़ भुवन जोशी अल्मोड़ा उत्तराखण्ड

21/अप्रैल/२०२४ • APREL 21, 2024


विक्रम संवत २०८१, शक संवत १९४६

यथा शिखा मयूराणां नागानां मणयो यथा।

तद्वद्वेदांगशास्त्राणां ज्योतिषं मूर्धनि स्थितम् ॥

साप्ताहिक ज्योतिष में दशानन कृत ज्योतिष के अनुसार अब तक आपने जाना मेष लग्न व राशि पर द्वादश भावों में नौवो ग्रहों के  प्रभाव

वृष लग्न व राशि के जातकों का परिचय

वृष लग्न व राशि में स्थित अनेक ग्रहों के प्रभाव से जो फलादेश निकलता है, उन सभी का वर्णन दशानन कृत ज्योतिष के आने वाले साप्ताहिक भागों अन्तर्गत किया जाएगा।

वृष राशि स्त्री जाति, श्वेत रंग तथा दक्षिण दिशा वाली होती है। यह सांसारिक कार्यों में दक्षता तथा बुद्धिमत्ता से काम लेती है। वृष लग्न में जन्म लेने वाले है। ऐसे लोगों के शरीर का रंग गोरा एवं कुछ गेहुंआपन लिए होता है।

इस लग्न कुण्डली में पैदा होने वाला जातक अत्यंत गम्भीर प्रकृति का होता है। उसका अपना अलग ही मिजाज होता है। दांत सुन्दर-लम्बे तथा बाल घुंघराले होते हैं। वह रजोगुणी, गुणवान, यशस्वी, धैर्यवान, शूरवीर, बुद्धिमान, मधुरभाषी, उदार एवं ईश्वर में विश्वास रखने वाला होता है। हमेशा उच्च एवं श्रेष्ठ लोगों की संगत में बैठना, कई भाषाओं को जानना, शौकीन मिजाज तथा स्त्रियों की तरह चपलता इनका स्वभाव होता है।

ऐसा जातक शान्त स्वभाव का होने के बावजूद समय आने पर युद्ध अथवा संघर्ष के लिए तत्पर हो जाता है। वह ताकतवर एवं संगीतप्रिय होता है। परिवार में कलह होने से वह चिन्ताग्रस्त रहने लगता है। मित्र वियोग का दुःख उसके लिए बहुत ही असहनीय तथा कष्टप्रद होता है।

जन्म से लेकर 35-40 वर्ष की अवस्था तक ऐसे जातक का जीवन अच्छा

तथा सुखमय व्यतीत होता है। उसके बाद वह अनेक कष्ट भोगता है। उसके पास धन, आभूषण तथा भूमि-मकान आदि का अभाव रहने लगता है। इसके लिए उसे कठिन से कठिन परिश्रम करना पड़ता है। वृष लग्न में प्रत्येक ग्रह की द्वादश स्थितियां  आप आज के अंक व आने वाले अंकों में पड़ेंगे ।