जनतानामा न्यूज़ अल्मोड़ा उत्तराखण्ड
भारत सरकार के एन0सी0एस0टी0 विभाग के सहयेाग से वित्त पोषित एवं युबीटेड संस्था के माध्यम से संचालित परियोजना में जनपद बागेश्वर के कृषि विज्ञान केन्द्र काफलीगैर में जैवविविधता सुरक्षा मानव व जंगली जीव द्वन्द्व के धटाव के लिए तीन दिवसीय संचालित कार्यशाला का समापन किया गया इसमें स्थानीय युवा समुदाय को मानव व जंगली जीव द्वन्द्व धटाव एवं क्षमतावर्धन पर कृषि विज्ञान केन्द्र काफलीगैर के डॅा0 कमल किशोर पाण्डे द्वारा वनों के कम होने को मानवीय व प्राकृतिक कारण, वनों से आजीविका पर जानकारी प्रदान की जैव विविधता हानी के कारणों, युवाओं के जैवविविधता के प्रति कर्तव्य व युवाओ की भुमिका पर जानकारीयां साझा की गयी। डॅा0 विवेक रावत द्वारा जानवरों के स्वभाव एवं मानव द्वन्द्व के विषय में अवगत करवाया गया जानवरों की रक्षा के विषय एवं जानवरों के महत्व पर जानकारी प्रदान की रिस्टेक्टेट एरिया में आवगमन में रोक इत्यादि विषय पर जानकारी दी गयी। स्थानीय क्षेत्र में पाये जाने वाले जानवरों के विषय एवं उनके स्वभाव में अवगत करवाया गया। सोच संस्था से आये श्री राहुल जोशी द्वारा विज्ञान संचार की निरन्तरता में मीडिया की भूमिका जोखिम करने के लिए डीजीटल मीडिया की उपयोगिता, समाचार निर्माण, संदर्भ सामग्री निर्माण इत्यादि विषयों पर जानकारी प्रदान की, डॅा0 केवलानन्द ने क्षेत्र की जैवविविधता मानवीय आवश्यकताओं प्राकृतिक जोखिमों से निपटने के लिए घरेलू सामुदायिक स्तर पर पचहान कारक व प्रभाव व उपायों पर व्याख्यान दिया गया। श्री श्याम सिंह कठायत द्वारा मानव जीव सधर्ष परिदृश्य, सांस्कृतिक पक्ष, क्षेत्रीय जंगलों का प्रबंदन व वर्तमान स्थितियां और उनका प्रभाव जंगली जीव संधर्ष रोकथाम जंगली आग रोकथाम तथा डॅा0 हरीश पोखरिया द्वारा उपचार व सावधानियां, परिणाम व सतर्कता के विषय में जानकारीयां प्रदान की व भविष्य की कार्ययोजना निर्धारण किस प्रकार की जाए, पर्यावरण तनाव संधर्ष पर स्थानीय समस्याओं को बतलाया गया एवं जंगली जानवरों और मानव के बीच लगातार हो रहे संधर्ष एवं इसे रोकने के प्रयासों को समझाया गया कृषि क्षेत्र में आ रही कमी जंगलों में प्राकृतिक संसाधनों का अवैज्ञानिक दोहन, मौसम में आ रहे परिवर्तन का जंगली जानवरों पर हो रहे प्रभावों से अवगत करवाया गया एवं इसके समाधान पर विस्तृत जानकारीयां प्रदान की जिसमें वनीकरण, जंगलों की आग की राकथाम व बचाव, एवं प्राकृतिक सम्पदा की सुरक्षा में मानव के कर्तव्य क्या होने चाहिए, जैवविविधता को जानने एवं इसमें आ रहे परिवर्तनों से जानवर मानव को परेशान कर रहा है, जंगलों में फलदार पेडों की कमी चारे प्रजाती का दोहन रोकना एवं वनीकरण करना द्वन्द्व से फसलों को बचाने के वैज्ञानिक तरीके, जैविक बाढ, जानवरो को जंगलों एवं खुले में खाने देने की आदतो को रोकना इत्यादि पर जानकारीयां प्रदान कि जिसमें जंगली जीव एवं मानव के बीच हो रहे द्वन्द्व को राकने के प्रयासों को समझा। कार्यशाला में परियोजना समन्वय श्री पियूष पाण्डे, संदर्भ व्यक्ति डॅा0 केवला नन्द असिस्टैन्ट प्राफेसर, राजकीय महाविद्यालय काण्डा, वन विभाग बागेश्वर से रेन्ज आॅफीसर श्री श्याम सिंह कठायत, शमशेर सिंह रावत एवं स्वास्थ्य विभाग बागेश्वर से ए.सी.एम.ओ. डॅा0 हरीश पोखरिया, श्री देवन्द्र सिंह इत्यादि ने जानकारीयों को साझा किया गया। कार्यशाला में श्री कमल, कुमारी शान्ति बिष्ट श्री शिवम रौतेला, श्रीमती सावित्री देवी हर्षवर्धन इत्यादि 26 युवाओं और युवतीयों ने प्रतिभाग किया।
