ओम् आब्रह्मन् ब्राह्मणो ब्रह्मवर्चसी जायताम
आ राष्ट्रे राजन्यः शूर इषव्योऽतिव्याधी महारथो
जायताम् दोग्ध्री धेनुर्वोढ़ाऽनडुवानाशुः सप्तिः
पुरन्धिर्योषा जिष्णु रथेष्ठाः सभेयो युवास्य
यजमानस्य वीरो जायताम् निकामे निकामे
नः पर्जन्यो वर्षतु फलवत्यो न ओषधयः
पच्यन्ताम् योगक्षेमो नः कल्पताम्।
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ज्योतिषचार्य कौशल जोशी (शास्त्री) प्राचीन “कुमायूँ की काशी” माला सोमेश्वर
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पिछले सप्ताह आपने जाना मेष लग्न जो कि अग्नि तत्व प्रधान एवं चर राशि होने के कारण इस लग्न या राशि के जातकों पर मंगल के प्रभाव
👉साप्ताहिक ज्योतिष में आज दशानन कृत ज्योतिष के अनुसार मेष लग्न व राशि पर चन्द्रमा का प्रभाव https://jantanama.com/in-weekly-astrology-today-according-to-dashanan-astrology-the-effect-of-moon-on-aries-ascendant-and-zodiac-sign/
इस सप्ताह आप जानेंगे मेष लग्न जो कि अग्नि तत्व प्रधान एवं चर राशि होने के कारण इस लग्न या राशि के जातकों पर बुध के प्रभाव
👉साप्ताहिक ज्योतिष में आज दशानन कृत ज्योतिष के अनुसार मेष लग्न व राशि पर मंगल का प्रभाव https://jantanama.com/in-weekly-astrology-today-according-to-dashanan-astrology-the-effect-of-mars-on-aries-ascendant-and-zodiac-sign/
जैसा कि बुध को एक नपुंसक ग्रह माना गया है। पृथ्वी से इसकी दूरी 3,70,00,000 मील के करीब है। यह सूर्य के अधिक निकट है। इसके अशुभ प्रभावों से जातक पागल, रोगी, गूंगा, स्वार्थी तथा कुष्ठ रोगों से पीड़ित रहता है। इसका शुभ प्रभाव होने से व्यक्ति उच्च शिक्षा प्राप्त, मनचाही संतान वाला तथा ज्योतिषी बनता है। यह व्यवसाय आदि में फायदा भी करता है
मेष लग्न के लोगो को पहले से द्वादश भाव मे बुध का फल