Mon. Dec 1st, 2025
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ओम् आब्रह्मन् ब्राह्मणो ब्रह्मवर्चसी जायताम
आ राष्ट्रे राजन्यः शूर इषव्योऽतिव्याधी महारथो
जायताम् दोग्ध्री धेनुर्वोढ़ाऽनडुवानाशुः सप्तिः
पुरन्धिर्योषा जिष्णु रथेष्ठाः सभेयो युवास्य
यजमानस्य वीरो जायताम् निकामे निकामे
नः पर्जन्यो वर्षतु फलवत्यो न ओषधयः
पच्यन्ताम् योगक्षेमो नः कल्पताम्।

जनतानामा न्यूज़ भुवन जोशी अल्मोड़ा उत्तराखण्ड


ज्योतिषचार्य कौशल जोशी (शास्त्री) प्राचीन “कुमायूँ की काशी” माला सोमेश्वर

पिछले सप्ताह आपने जाना मेष लग्न जो कि अग्नि तत्व प्रधान एवं चर राशि होने के कारण  इस लग्न या राशि के जातकों पर सूर्य के प्रभाव

इस सप्ताह आप जानेंगे मेष लग्न जो कि अग्नि तत्व प्रधान एवं चर राशि होने के कारण  इस लग्न या राशि के जातकों पर चन्द्रमा के प्रभाव

चन्द्रमा शुभ संज्ञक, पश्चिमोत्तर दिशा का स्वामी,श्वेत वर्ण एवं तरल प्रकृति का होता है,
चन्द्रमा पृथ्वी का उपग्रह है। इसलिए यह पृथ्वी की परिक्रमा करता है। यह पृथ्वी के बहुत निकट है, अर्थात् पृथ्वी से इसकी दूरी मात्र 2,38,000 मील है। चन्द्रमा ज्योतिषियों की दृष्टि में शुभ ग्रह माना गया है। यह पश्चिम दिशा का स्वामी तथा स्त्री जाति का होता है। इसके प्रभाव से जातक भाग्यशाली, धन-सम्पत्ति वाला, माता-पिता का पूर्ण सुख पाने वाला, सुन्दर, विनम्र एवं सुहृद होता है। इसकी स्त्रियां बड़ी रूपवान होती हैं।
मेष लग्न में एक से द्वादश स्थितियों में चन्द्रमा अलग अलग फल प्रदान करता है