जनतानामा न्यूज़ अल्मोड़ा उत्तराखण्ड
अल्मोड़ा। माँ नन्दा देवी महोत्सव को लेकर प्रशासनिक तैयारियां तेज हो गई हैं। सोमवार को जिलाधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय ने नगर का स्थलीय निरीक्षण करते हुए भैरव मंदिर के समीप पार्किंग स्थल को तत्काल खोलने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मेले में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भीड़ बढ़ेगी, इसलिए पार्किंग व्यवस्था दुरुस्त रखना प्रशासन की पहली प्राथमिकता है।

जिलाधिकारी पाण्डेय ने कहा, “नन्दा देवी महोत्सव कुमाऊँ की आस्था और संस्कृति का प्रतीक है। हजारों श्रद्धालु यहाँ आते हैं। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि सभी को सुरक्षित और सुविधाजनक वातावरण उपलब्ध कराया जाए। नगर निगम में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए इस बार स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जिम्मेदारी दी जा रही है। मातृ शक्ति की भागीदारी से व्यवस्थाएं और मजबूत होंगी और महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण का अवसर भी मिलेगा।”
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए कि भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा, यातायात नियंत्रण और स्वच्छता व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के बीच बेहतर तालमेल ही सफल आयोजन की कुंजी है।
इस मौके पर नगर निगम अल्मोड़ा के महापौर अजय वर्मा, नगर आयुक्त राम शरण शर्मा, एसडीएम संजय कुमार, पार्षद अमित साह मोनू सीओ गोपाल दत्त जोशी,सह नगर आयुक्त लक्ष्मण सिंह भंडारी जिला महामंत्री भाजपा धर्मेंद्र बिष्ट पार्षद अर्जुन सिंह बिष्ट पार्षद अभिषेक जोशी आदि मौजूद रहे।
महापौर अजय वर्मा ने कहा, “नगर निगम मेला क्षेत्र में सफाई, पेयजल, विद्युत व्यवस्था और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान दे रहा है। कर्मचारियों की कमी को देखते हुए मातृ शक्ति की भागीदारी से व्यवस्था और अधिक सुव्यवस्थित होगी। नन्दा देवी मेला केवल अल्मोड़ा ही नहीं बल्कि पूरे कुमाऊँ की आस्था का पर्व है, इसलिए हमारी पूरी कोशिश है कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।”
नगर आयुक्त राम शरण शर्मा ने बताया कि निगम सीमित संसाधनों में भी अपनी पूरी क्षमता से कार्य कर रहा है। “मेले के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए निगम की टीम पूरी तरह सतर्क रहेगी। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की सक्रियता से सफाई और अनुशासन दोनों सुनिश्चित किए जाएंगे।”
पार्षद अमित साह ‘मोनू’ ने कहा, “नन्दा देवी महोत्सव अल्मोड़ा की आस्था, संस्कृति और पहचान का प्रतीक है। हम सभी पार्षद अपने–अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहकर व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे ताकि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। प्रशासन और नगर निगम के सहयोग से इस बार का आयोजन और भी भव्य होगा।”
पार्षदों ने भी अपने–अपने क्षेत्रों में तैयारियों का आश्वासन दिया और कहा कि श्रद्धालुओं को सुगम वातावरण उपलब्ध कराने के लिए वे पूरी तरह सक्रिय रहेंगे।
जिलाधिकारी पाण्डेय ने अंत में कहा कि “नन्दा देवी महोत्सव केवल धार्मिक आस्था का पर्व ही नहीं, बल्कि कुमाऊँ की परंपरा और लोक संस्कृति का परिचायक भी है। सभी विभागों को अपनी जिम्मेदारियों को समय पर और गंभीरता से निभाना होगा। अव्यवस्था किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
प्रशासन और नगर निगम के संयुक्त प्रयासों के साथ मातृ शक्ति की भागीदारी से इस बार का नन्दा देवी महोत्सव और भी भव्य और सुव्यवस्थित होने की उम्मीद जताई जा रही है।