जनता नामा न्यूज दिनेश भट्ट अल्मोड़ा उत्तराखंड
अल्मोड़ा ।कृषि मंत्री, भारत सरकार श्री शिवराज सिंह चौहान जी द्वारा आहूत विकसित कृषि संकल्प अभियान जो की 29 में 2025 से 12 जून 2025 – विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा संस्थान द्वारा यह अभियान उत्तराखंड के छह जिलों के 16 विकासखण्डों के 437 गांव में संस्थान के वैज्ञानिकों के 60 दलों द्वारा चलाया गया है जिसमें 6935 कृषकों ने बढ़-चढ़ कर भागीदारी की। अभियान के दौरान 50 प्रतिशत से थोड़ा अधिक महिला कृषकों की भागीदारी थी। अभियान के दौरान कृषकों ने अपनी प्रतिक्रियाओं को वैज्ञानिकों के समक्ष प्रस्तुत किया। साझा की गई समस्याओं में मुख्य रूप से जंगली जानवरों से फसल को नुकसान, सिंचाई सुविधाओं का अभाव, समय पर बीज और अन्य आगतों का उपलब्ध न होना आदि रहा। किसानों ने फसलों को रोग और कीट से बचाने, जल संरक्षण कर पानी को खेत तक ले जाने, फसलों को सूखाने तथा उनका मूल्यसंवर्धन करने के बारे में जानकारी प्राप्त करने इच्छा व्यक्त की। किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अधिक से अधिक फसलों को शामिल करने तथा इसको पर्वतीयक्षेत्रों के अनुरूप बदलाव करने , मंडुआ की रोपाई के लिए ट्रांसप्लांटर, धान व गेहूँ की कम लम्बाई वाली प्रजातियों के विकास, सोयाबीन को तराई वाले क्षेत्रों हेतु उपयुक्त किस्म के विकास हेतु अनुरोध किया गया तथा लाल धन उत्पादन,मधुमक्खी पालन, संरक्षित खेती, मशरुम उत्पादन में रूचि दर्शायी गयी। डॉ. राजेश कुमार खुल्बे ने बताया कि सल्ट गांव के लखौरी मिर्च का उत्पादन कर अच्छा आय अर्जन कर रहे हैं। वहाँ के किसानों ने इस मिर्च को रोग-कीट से बचाने तथा इसे ग्राम स्तर पर सुखाने की सुविधा हेतु मदद मांगी। डॉ. खुल्बे ने इस अभियान के तहत अपने अनुभव से भी सभी को भिज्ञ कराया। क्वानू क्षेत्र में कृषकों ने तेदुंआ की समस्या भी बताई। डॉ. कांत ने बताया कि इस अभियान से मिली जानकारी से संस्थान को शोध की नयी दिशा तय करने तथा सरकार को कृषि हेतु नयी नीति बनाने में सहयोग मिलेगा। इस अभियान के दौरान वैज्ञानिकों को किसानों के कई नवाचारों के बारे में भी पता चला, जिसमें मुख्य रूप से जंगली जानवरों से बचाव हेतु चन्दन की खेती, फसल को जंगली जानवरों के प्रकोप से बचाने हेतु बॉर्डर पर हल्दी लगाकर उस पर नीम के तेल का छिड़काव, अमरुद में इस समय कीड़ों से बचाव के लिए फूल लगी टहनियों की कटिंग फिर जाड़ों की फसल बिना रसायन के छिड़काव के लेना , उपरांऊ में विभिन्न ऊंचाइयों पर आपस में जुड़े टैंकों की सीरीज का निर्माण आदि की जानकारी भी मिली। अभियान की नोडल अधिकारी डॉ. कुशाग्रा जोशी ने बताया कि यह अभियान किसानों तक वृहद् स्तर तक पंहुचा जिसके फ़लस्वरूम बमन गांव के एक कृषक जो कि इस अभियान में भाग नहीं ले पाए थे उन्होंने एक टीम के उनके गाँव में भ्रमण की इच्छा जतलाई, उनकी भागीदारी के लिए 12 जून 2025 को वैज्ञानिकों के एक दल ने उनके गाँव को शामिल करते हुए भगरतोला में भी कृषकों से बातचीत की। इस प्रकार यह अभियान उत्तराखंड के विभिन्न गांवों में सफल हुआ। अभियान के द्वारा वैज्ञानिकों की सिफारिशों के आधार पर पर्वतीय कृषि में नए सुधार अपेक्षित हैं, जिससे पर्वतीय कृषि उन्नत होगी तथा कृषक समृद्ध होंगे।
