Tue. Oct 14th, 2025
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जनतानामा न्यूज़ अल्मोडा उत्तराखण्ड

नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. शक्ति स्वरूपा देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए साल में चार बार नवरात्रि पड़ती हैं जिनमें एक बार शारदीय और एक बार चैत्र नवरात्रि, इसके अलावा 2 बार गुप्त नवरात्रि, के दौरान भक्त माता की आराधना करते हैं. नवरात्रि में माता की पूजा-अर्चना करने का विधान सदियों से चला आ रहा है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि की शुरुआत कब और कैसे हुई? सबसे पहले नवरात्रि में 9 दिनों तक व्रत किसने रखा ? अगर नहीं तो, आज हम आपको बताएंगे कि नवरात्रि मनाने की शुरुआत कैसे हुई थी और सबसे पहले किसने नवरात्रि का व्रत किया था.


नवरात्रि की शुरुआत कैसे हुई?

मां दुर्गा स्वयं शक्ति स्वरूपा हैं और नवरात्रि में सभी भक्त आध्यात्मिक शक्ति, सुख-समृद्धि की कामना करने के लिए इनकी उपासना करते हैं और व्रत रखते हैं. जिस राजा के द्वारा नवरात्रि की शुरुआत हुई थी उन्होंने भी देवी दुर्गा से आध्यात्मिक बल और विजय की कामना की थी. वाल्मीकि रामायण में उल्लेख मिलता है कि, किष्किंधा के पास ऋष्यमूक पर्वत पर लंका की चढ़ाई करने से पहले प्रभु राम ने माता दुर्गा की उपासना की थी. ब्रह्मा जी ने भगवान राम को देवी दुर्गा के स्वरूप, चंडी देवी की पूजा करने की सलाह दी और ब्रह्मा जी की सलाह पाकर भगवान राम ने प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक चंडी देवी की उपासना और पाठ किया था.

क्यों और कैसे, किसने की नवरात्रि की शुरुआत?

भगवान बह्मा ने चंडी पूजा-पाठ के साथ ही राम जी को बताया कि, आपकी पूजा तभी सफल होगी जब आप चंडी पूजा और हवन के बाद 108 नील कमल भी अर्पित करेंगे. ये नील कमल दुर्लभ माने जाते हैं. राम जी ने अपनी सेना की मदद से ये 108 नील कमल ढूंढ लिए, लेकिन जब रावण को यह पता चला कि राम चंडी देवी की पूजा कर रहे हैं और नील कमल ढूंढ रहे हैं, तो उसने अपनी मायावी शक्ति से एक नील कमल गायब कर दिया. चंडी पूजा के अंत में जब भगवान राम ने वे नील कमल चढ़ाए तो उनमें एक कमल कम निकला. यह देखकर वो चिंतित हुए और अंत में उन्होंने कमल की जगह अपनी एक आंख माता चंडी पर अर्पित करने का फैसला लिया. अपनी आंख अर्पित करने के लिए जैसे ही उन्होंने तीर उठाया तभी माता चंडी प्रकट हुईं और माता चंडी उनकी भक्ति से प्रसन्न हुईं और उन्हें विजय का आशीर्वाद दिया.

सबसे पहले किसने औऱ क्योँ रखा था नवरात्रि का व्रत?

फिर प्रतिपदा से लेकर नवमी तक माता चंडी को प्रसन्न करने के लिए प्रभु श्री राम ने अन्न जल कुछ भी ग्रहण नहीं किया. नौ दिनों तक माता दुर्गा के स्वरूप चंडी देवी की उपासना करने के बाद भगवान राम को रावण पर विजय प्राप्त हुई थी. ऐसा माना जाता है कि तभी से नवरात्रि मनाने और 9 दिनों तक व्रत रखने की शुरुआत हुई. ऐसे में भगवान राम ही नवरात्रि के 9 दिनों तक व्रत रखने वाले पहले राजा और पहले मनुष्य थे.