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जनतानामा न्यूज़ अल्मोड़ा उत्तराखण्ड

नैनीताल 24 सितम्बर  लालकुआं तहसील की पटवारी पूजा रानी को  अग्रिम जमानत मिल गई है
यह जमानत उन्हें थाना लालकुआं, जिला नैनीताल में दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 197/2025 (धारा 108, भारतीय न्याय संहिता 2023) के मामले में प्रदान की गई।पटवारी पूजा रानी की ओर से अधिवक्ता सुनील पुंडीर, ज्योति परिहार, शुभम रौतेला और नीमा आर्या ने न्यायालय के समक्ष अग्रिम जमानत का प्रार्थना पत्र दायर किया। तथा न्यायालय मे पूजा रानी को पक्ष मे दमदार तर्क प्रस्तुत किये


अधिवक्ताओं ने पूजा रानी का पक्ष प्रस्तुत करते हुवे कहा कि  , पूजा रानी   दिसम्बर 2024 में तहसील लालकुआं में पटवारी पद पर नियुक्त हुईं  तब से वह अपने कर्तव्यों का समुचित निर्वहन कर रही हैं।मृतक का कोई भी वैध कार्य उनके पास लंबित नहीं था।मृतक द्वारा तहसील परिसर में दबाव बनाकर कार्य कराने की कोशिश की जाती थी, और इंकार करने पर मृतक आत्महत्या की धमकी देता था।सुसाइड नोट में आशा रानी का नाम है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि किस कार्य के संदर्भ में नाम दर्ज किया गया। क्योकि मृतक का कोई कार्य आशा रानी के पास लम्बित नही था ।
अधिवक्ताओ ने कहा कि गिरफ्तारी होने पर उनके पदीय दायित्वों और प्रतिष्ठा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
जबकि अभियोजन की ओर से तर्क प्रस्तुत करते हुवे कहा कि सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) देव सिंह मेहरा ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मृतक महेश चन्द्र जोशी एक सामाजिक कार्यकर्ता थे, जो जमीन सम्बन्धी मामलों के लिए तहसील आते थे।
मृतक ने 20 सितम्बर 2025 को तहसील परिसर में जहर खाकर आत्महत्या कर ली और 22 सितम्बर को उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।उनके सुसाइड नोट में स्पष्ट रूप से पटवारी पूजा रानी का नाम दर्ज है।
यदि अग्रिम जमानत दी गई तो अभियुक्ता साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकती है।

इस पर न्यायालय ने  निर्णय सुनाते हुवे कहा कि
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद मृतक के कौन से कार्य वास्तव में पूजा रानी के पास लंबित थे, यह विवेचना से स्पष्ट होगा।

प्रथम दृष्टया ऐसा नहीं दिखता कि मृतक के पास आत्महत्या के अलावा कोई और विकल्प नहीं था।
अभियुक्ता एक महिला और लोक सेवक हैं, अतः निजी स्वतंत्रता एवं परिस्थितियों को देखते हुए अग्रिम जमानत दी जाती है।

जमानत की शर्तें इस प्रकार तय की गई  अभियुक्ता ₹25,000 का व्यक्तिगत बंधपत्र और समान धनराशि के दो जमानती दाखिल करेगी। तथा  विवेचना में सहयोग हेतु जब भी बुलाया जाए, उपस्थित होगी। साक्षियों या साक्ष्यों को प्रभावित नहीं करेगी।
तथा  बिना अनुमति भारत नहीं छोड़ेगी।मृतक के कार्य से संबंधित कोई दस्तावेज हो तो विवेचक को उपलब्ध कराएगी।