जनतानामा न्यूज़ भुवन जोशी अल्मोड़ा उत्तराखण्ड

अल्मोड़ा विशेष क्षेत्र न्यायाधीश जिला जज द्वारा न्यायालय में विचाराधीन धारा 342, 354 ए, 354c, 376 (3), 506 आईपीसी एवं धारा 3/4 (2), 7/8(v), 11,12, पॉस्को अधिनियम के तहत अभियुक्त जीवन सिंह व राजेंद्र सिंह को दोष मुक्त कर दिया । यह घटना थाना सोमेश्वर जनपद अल्मोड़ा के एक गांव की होनी बताई गई है जिसमें पीड़िता के पिता ने अभियुक्त राजेंद्र सिंह वह जीवन सिंह के खिलाफ दिनांक 2/6/22 को अपनी पुत्री पीड़िता उम्र 14 वर्ष से चार्ट बनाने अभियुक्त जीवन सिंह के पास गई थी तो अभियुक्त ने उसके साथ गलत वारदात की और दरवाजा बंद कर उसके साथ छेड़खानी की व बलात्कार किया । अभियुक्त राजेंद्र सिंह बहादुर सिंह की छत पर चढ़कर इस आपत्तिजनक घटना की अपने मोबाइल में फोटो खींची और दोनों ने यह धमकी दी कि इसके बारे में बताया तो उसे जान से मार देंगे और प्रथम सूचना रिपोर्ट में यह भी कहा कि राजेंद्र सिंह ने पीड़िता के साथ दुर्व्यवहार जबरदस्ती करने की कोशिश की और पूर्व में छेड़खानी कर चुका है इस मुकदमे की रिपोर्ट थाना सोमेश्वर में 26 दिन बाद 28/ 6/ 22 को लिखी गई जिस पर थाने द्वारा दिनांक 24/ 8/ 22 को आरोप पत्र पेश किया गया इस मुकदमे में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 8 गवाह परीक्षित कराए गए जिसमें पीड़िता वह पीड़िता के पिता के अलावा अन्य छह गवाह प्रस्तुत प्रस्तुत किए।

बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं द्वारा
अभियुक्त गण के पक्ष में जबरदस्त बहस की गई एवं गवाहों की जिरह के दौरान यह बात भी आई कि जो फोटो खींचने वाले मोबाइल विधि विशेषज्ञ के पास जांच हेतु भेजा गया था उसे वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी सीएफएसएल चंडीगढ़ द्वारा अभियुक्त का होना ही नहीं पाया और न ही मोबाइल में जो चार्ट स्क्रीनशॉट लिए गए थे उसकी पहचान भी पीड़िता से नहीं कार्रवाई और ना ही कोई स्पष्ट फोटो थे और गवाह ने यह कहा कि जो फोटो उनके पास दिनांक 2/6/22 को कह गए थे वह 2/6/22 के नहीं है जो फोटो 28/6/22 को कैप्चर की हैं मोबाइल के AI गैलरी के अंदर से छेड़छाड़ की गई है ।
विशेष सत्र न्यायाधीश द्वारा अभियुक्त गणों लगाए गए सभी आरोपों से दोषमुक्त किया और उसी दिन अभियुक्त गणों को रिहा कर दिया । बचाव पक्ष की पैरवी श्री जमन सिंह बिष्ट एडवोकेट व न्यायमित्र श्री भगवती प्रसाद पंत ने की ।