जनतानामा न्यूज भुवन जोशी
किसानों और सरकार के बीच तीन दौर की बैठक हो चुकी है. हालांकि इन बैठकों में सहमति नहीं बन सकी है. इसके बाद अब रविवार को एक बार फिर किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की वार्ता होगी. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार की बैठक में कोई समाधान निकल सकता है.

किसान पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर डेरा डालकर बैठे हुए हैं
किसान पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर डेरा डालकर बैठे हुए हैं
किसान एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. दिल्ली कूच के लिए निकले किसानों को पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर ही रोक दिया गया है, जहां किसानों ने डेरा डाला हुआ है. किसानों और सरकार के बीच तीन दौर की बैठक हो चुकी है. हालांकि इन बैठकों में सहमति नहीं बन सकी है. इसके बाद अब रविवार को एक बार फिर किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की वार्ता होगी. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार की बैठक में कोई समाधान निकल सकता है.
दरअसल, किसान नेताओं और सरकार के बीच इससे पहले 8, 12 और 15 फरवरी को बैठक हुई थी, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. कारण, किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी की अपनी मांग पर अड़े रहे. सरकार ने किसानों की 10 मांगें मान ली हैं. तीन मांगों पर बात अटकी है. यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून, किसानों की कर्ज माफी और 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को पेंशन देने पर सहमति नहीं बन सकी है.
केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा भी उम्मीद जता चुके हैं कि रविवार को किसान संगठनों के साथ होने वाली बैठक में कोई न कोई समाधान निकलेगा. उन्होंने कहा कि हम जल्द ही कोई समाधान निकाल लेंगे. ऐसे में यह भी चर्चा है कि केंद्र सरकार किसानों को एमएसपी पर कमेटी बनाने का प्रस्ताव दे सकती है. हालांकि इस पर मुहर लगेगी या नहीं और किसान दिल्ली कूच को अड़े रहेंगे या फिर घर वापसी करेंगे? इन सवालों के जवाब अब रविवार की बैठक के बाद ही मिल सकेंगे.