भुवन जोशी जनतानामा अल्मोडा उत्तराखण्ड
असम -का ऐतिहासिक राष्ट्रीय उद्यान काजीरंगा इस साल दूसरी बाढ़ में फिर से जलमग्न हो गया है। राष्ट्रीय उद्यान का लगभग 47 प्रतिशत हिस्सा करीब तीन दिनों में जलमग्न हो गया है। जिसके कारण काजीरंगा अभयारण्य के जंगली जानवर ऊंचे स्थानों पर पलायन कर गए हैं। यह पता चला है कि बाढ़ लगभग 64 वन शिविरों के नीचे से बह रही है। बाढ़ के कारण अब तक 11 जंगली जानवरों के मारे जाने की खबर है। इनमें से छह हिरण, एक अजगर, एक भैंस और प्राकृतिक रूप से 3 गेंडे की मौत हो चुकी है। जानकारी के अनुसार बारिश की गति को देखते हुए अगले 24 घंटों में बाढ़ और बढ़ने की संभावना है। इस बाढ़ से निजात पाने के लिए कुछ जानवर काजीरंगा के राष्ट्रीय राजमार्ग 37 को पार कर के कार्बी हिल्स में पहुंच गए हैं। इसके साथ ही कुछ जानवरों ने राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे शरण ले रखी है जबकि अन्य काजीरंगा के ऊंचाई वाले इलाकों में पहुंच गए हैं। खबर है कि काजीरंगा अभयारण्य के अधिकारी बाढ़ की स्थिति के अधीन राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर एक टाइम कार्ड पेश करेंगे। जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारी इस बार के बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हुए हैं ।